एक अजनबी
जाना पहचाना-सा अपना-सा लगता है नहीं लगता है - बेगाना-सा नहीं करता बात - दीवानों-सी आसमान से चाँद-तारे तोड़ने की या उफनती लहरों को ओढ़नी बनाने की पाँव रहते हैं ज़मीन पर वह बात करता है भावनाओं की/ संवेदनाओं की चाय, काफ़ी, महंगाई कीक्रिकेट, पे-कमीशन और
मुंबई के आतताई की नेता-अभिनेता, माफिया सभी उसको प्रभावित करते हैं सर्द हवा के थपेड़े उसे कुछ और समेट देते हैं वह अजनबी बहुत आम है ख़ास कभी-कभी ही होता हीतब-
जब भरनी होती है बच्चों की फीस या पत्नी को लेनी होती है कोई ट्रीट महीने के आखिरी दिन और आम-चुनाव का दिन तभी- वह अजनबी-अपना-सा लगता है
जाना पहचाना-सा लगता है मासूम/ प्यारा-सा लगता है वह अजनबी !