19 अक्तूबर 2008

सच

अगर आज की रात ठंडी है तो
ज़रूरी नहीं - कल सुबह
ठंडी ही हो।
सुबह सूरज के निकलते ही
तुम्हे एहसास होगा
गुनगुनाहट का -
एक प्रक्रिया के आरम्भ होने का -
जिसमे घुलने लगेगी
रात की ठंडक।
और फिर तुम्हे एहसास होगा
उष्णता क्या होती है
जलन किसे कहते हैं
तपन किसे कहते हैं

अगर आज की शाम शाँत है तो
ज़रूरी नहीं - रात के पहर
शाँत ही हों।
अखबार हाथ में आते ही
तुम्हे एहसास होगा -
वास्तविकता का
एक तूफ़ान के कहर ढाने का
जिसमे कई जिस्म छलनी हुए होंगे
आग की लपलपाती गोलियों से
और फिर -
तुम्हे एहसास होगा
सत्य क्या होता है
शाश्वत किसे कहते हैं
ताण्डव किसे कहते हैं

तब तुम्हारे माथे पर चमकेगा
स्वेद-कण! और तुम उसे -
बार-बार पोंछना चाहोगे।
तब तुम्हारे मस्तिष्क पर चमकेगा
खून का रंग! और तुम उसे -
बार-बार मिटाना चाहोगे.
लेकिन ऐसा होगा नहीं
तब तक ............जबतक
रात की तरह ही
सुबह ठंडी हो।
............शाम की तरह ही
रात के पहर शांत ही हों।

1 टिप्पणी:

  1. दीप मल्लिका दीपावली - आपके परिवारजनों, मित्रों, स्नेहीजनों व शुभ चिंतकों के लिये सुख, समृद्धि, शांति व धन-वैभव दायक हो॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ इसी कामना के साथ॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰॰ दीपावली एवं नव वर्ष की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं

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