8 जुलाई 2008

शुभारम्भ

आज एक यात्रा का आरम्भ कर रहा हूँ
एक अंतहीन यात्रा.....
माध्यम ज़रूर नया है
किंतु
भावनाएं अतीत के झरोखों से झांकती
तस्वीर........
सब कुछ कह देने को बेचैन
कब तक रहती खामोश
आख़िर -
कब तक !!

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