
यह ज़रूरी तो नहीं
हर शख्स में मिल जाए इन्सां
यह ज़रूरी तो नहीं
धूप के साए में तिनकों से बना हैं आशियाँ
चाँद की हो चाँदनी
यह ज़रूरी तो नहीं
बेसबब हंसना पड़ेगा
यह ज़रूरी तो नहीं
आँख भर आए तो रोएँ
यह ज़रूरी तो नहीं
हिचकियाँ आएँ अगर तो आपका ही नाम लें
मय में इतना भी नशा हो
यह ज़रूरी तो नहीं
जंग-ए-मैदां में अदावत
यह ज़रूरी तो नहीं
साथ हो शमशीर, चेतक
यह ज़रूरी तो नहीं
हौसला रखो तो मंजिल ख़ुद-बा-ख़ुद मिल जायेगी
आग का दरिया हो मुश्किल
यह ज़रूरी तो नहीं
हौसला रखो तो मंजिल ख़ुद-बा-ख़ुद मिल जायेगी
जवाब देंहटाएंआग का दरिया हो मुश्किल
यह ज़रूरी तो नहीं!
अच्छी रचना!आशावादी रचना बधाई!